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Dharmendra Yadav
bureau | July 30, 2024 | 0 Comments

Akhilesh Yadav gave big responsibility to Dharmendra Yadav and Babu Singh Kushwaha, now they will do this work..

अखिलेश यादव ने अवधेश प्रसाद, बाबू सिंह कुशवाहा और धर्मेंद्र यादव को दी बड़ी जिम्मेदारी

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने लोकसभा सांसद धर्मेंद्र यादव (Dharmendra Yadav) और बाबू सिंह कुशवाहा (Babu Singh Kushwaha) को बड़ी जिम्मेदारी दी है. इसके साथ ही जौनपुर (Jaunpur) लोकसभा संसदीय क्षेत्र से सांसद बाबू सिंह कुशवाहा उपनेता बने हैं। वहीं आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र (Azamgarh Lok Sabha) से सपा सांसद धर्मेंद्र यादव मुख्य सचेतक बनाया गया है, समाजवादी संसदीय पार्टी के नेता खुद अखिलेश यादव होंगे.

सचेतक का ये होता है काम

लोकसभा में विपक्ष और सरकार दोनों दल अपने सचेतक नियुक्त करते हैं। मुख्य सचेतक अपने सदस्यों को सदन की महत्त्वपूर्ण सूचना मुहैया कराते हैं। इसके अलावा चर्चा और मतदान के दौरान सदन में सदस्यों की उपस्थिति और प्रतिभागिता सुनिश्चित करते हैं। संसदीय कार्य मंत्रालय के मुताबिक सचेतक कुशल समन्वयक का कार्य करता है। यह अपने दलों और सदस्यों की तरफ से संसदीय प्रक्रियाओं और पद्धतियों को पीठासीन अधिकारियों और सचिवालय के साथ विचार-विमर्श करते हैं।

उपनेता की भूमिका क्या है?

सदन में नेता की गैरमौजूदगी में उप नेता सारा काम देखते हैं. मान लीजिए कि अगर अखिलेश, संसद की कार्यवाही के दौरान किन्हीं कारणों से अनुपस्थित रहते हैं तो बाबू सिंह कुशावाहा उनकी भूमिका अदा करेंगे. उन्हें संसद में एक दफ्तर मिलेगा जो मुख्य सचेतक और नेता संसदीय दल के साथ होगा.

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने फिर से पीडीए कार्ड चला है. यूपी विधानसभा में ब्राह्मण नेता माता प्रसाद पांडे को नेता प्रतिपक्ष बनाने के बाद उनकी आलोचना हो रही थी, लेकिन अब उन्होंने पिछड़े वर्ग से आने वाले बाबू सिंह कुशवाहा को लोकसभा में समाजवादी पार्टी के संसदीय दल का उपनेता घोषित किया है. जबकि आजमगढ़ से सांसद और चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को चीफ व्हिप यानी मुख्य सचेतक बनाया है. जबकि अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद को अधिष्ठाता मंडल में सदस्य बनाया है.

इससे पहले अखिलेश ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति में सबको चौंकाया था. उन्होंने नेता विपक्ष के दावेदारों शिवपाल सिंह यादव, दलित नेता इंद्रजीत सरोज और ओबीसी रामअचल राजभर की जगह 81 साल के माता प्रसाद पांडेय को जिम्मेदारी सौंपी थी. पूर्वांचल में पीडीए को दरकिनार कर ब्राह्मण कार्ड खेलने को लेकर अखिलेश को काफी आलोचना झेलनी पड़ी है. बीजेपी नेता केशव प्रसाद मौर्य के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी अखिलेश पर निशाना साधा है.

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