Former Army Officer GD Bakshi and MP Dharmendra Yadav in Azamgarh
आजमगढ़ में शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे पूर्व सेनाधिकारी जीडी बख्शी और सपा सांसद धर्मेन्द्र यादव।
सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा नेताजी ने सैनिकों के सम्मान के लिए जो कार्य किया उसको भुलाया नहीं जा सकता। आज भी सैनिकों के पार्थिव शरीर उनके घर तक आता है। उनको सम्मान दिया जाता है। मैंने संसद में यह मुद्दा उठाया था कि अग्नि वीर भर्ती को समाप्त कर पुरानी भर्ती के तहत सैनिक भर्ती होनी चाहिए, ताकि सैनिकों का परिवार खुशहाल जिंदगी जी सके। जब तक या मांग पूरी नहीं होगी तब तक यह मुद्दा मैं हरदम उठाता रहूंगा।
देश सेवा से बढ़कर कोई सेवा नहीं हो सकती : जीडी बख्शी
आप लोग थल सेना, वायु सेना और जल सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करें, इससे बढ़कर कोई सेवा नहीं हो सकती। आप लोग भर्ती होकर देश की सेवा करेंगे तो पाकिस्तान और चीन थर-थर कांपेंगे। कोई हमारी तरफ आंख उठाकर भी नहीं देख सकता। एक दिन हमारा देश महाशक्ति के रूप में उभर कर सामने आएगा। उक्त बातें मेजर जनरल जीडी बख्शी ने शुक्रवार को अंजान शहीद स्थित कारगिल शहीद रामसमुझ की स्मृति में आयोजित शहीद मेले को संबोधित करते हुए कही।
आजमगढ़ में बोले पूर्व सेनाधिकारी जीडी बक्शी:अग्निवीर से नहीं हूं सहमत, सुधार की जरूरत, वीरों से भरी है भारत की भूमि, शहीद श्रद्धांजलि कार्यक्रम में हुए शामिल
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि यही एक माध्यम है जिसके जरिए हम शहीदों को याद कर सकते हैं। देश का कर्तव्य है कि वह शहीदों को सम्मान दे, जो देश शहीदों को सम्मान नहीं देगा वह देश नहीं रहेगा। अग्निवीर भर्ती के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं तो शुरू से ही कहता आ रहा हूं कि मैं इससे सहमत नहीं हूं, इसमें सुधार की जरूरत है। बांग्लादेश के हालात के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो जीत हमने 1971 में हासिल की थी। उसे लेकर पाकिस्तान, अमेरिका और चीन मिलकर कोशिश कर रहे हैं कि पास पलट दें। वह लोग खयाली पुलाव देख रहे हैं। लेकिन, अभी खेल खत्म नहीं हुआ है, अभी तो खेल शुरू हुआ है। जम्मू कश्मीर में होने वाले चुनाव के सवाल पर उन्होंने कहा कि वर्तमान में बहुत फर्क पड़ा है। जब मेरी पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में थी तो पांच हजार आम आतंकवादी और 60 प्रतिशत पाकिस्तानी जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन कर रहे थे। आज महज 150 हैं। अब वह पीर पंजाब में मिलाने की कोशिश कर रहा है। तीन साल कोई भर्ती नहीं हुई। प्रतिवर्ष 60 हजार जवान सेवानिवृत्त होते हैं। तीन सालों में कुल एक लाख 80 हजार जवान कम हुए। जिससे गैप पैदा हुआ।
वीर नायक दीपचंद कारगिल योद्धा ने कहा कि आज भी देश के लिए मेरे मन में वही जज्बा कायम है। मेरे दोनों पैर कट गए इसके बाद भी मेरे कलेजे में देश के प्रति जो भी जज्बा है वह भरा हुआ है।
आजमगढ़ के सगड़ी तहसील क्षेत्र के नत्थूपुर अंजान शहीद के शहीद पार्क में शहीद रामसमुझ यादव की स्मृति में 24 वें कारगिल शहीद मेला श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूर्वांचल के 30 शहीद परिवारों को सम्मानित किया गया।
इस मौके पार शहीद रामसमुझ यादव के पिता राजनाथ यादव, छोटे भाई प्रमोद यादव, भतीजा अभय यादव, अभिनव यादव, भतीजी कशिश, आराध्या, पंकज यादव, मामा रामवृक्ष यादव, तीरथ यादव, रामप्रसाद यादव,हवलदार यादव, विधायक अखिलेश यादव, नफीस अहमद, एच एन सिंह पटेल, संग्राम यादव आदि उपस्थित थे।